Govind Devji Temple Vrindavan
Govind Devji Temple Vrindavan जिसे राधा गोविंद देव मंदिर भी कहा जाता है, वृन्दावन के सबसे प्रभावशाली हिंदू मंदिरों में से एक है। गोविंद देव जी का मंदिर वृंदावन में स्थित वैष्णव सम्प्रदाय का मंदिर है। यह मंदिर वृन्दावन में अत्यधिक पूजनीय है और एक पवित्र स्थल है। यह भगवान कृष्ण के गोविंद देव जी स्वरूप को समर्पित है। गोविंद देव जी मंदिर वृन्दावन का प्रमुख आकर्षण इसकी शानदार वास्तुकला है।
Govind dev ji mandir – Mathura (Vrindavan).
Govind Devji Temple Vrindavan – Important Information:
- Location: Raman Reiti, Vrindavan, Uttar Pradesh 281121; Vrindavan Khadar.
- Either open and closed Hours of operation: 4:30 am to 12:00 noon and 5:00 pm to 9:00 pm
- The closest railway station to Govind Dev Temple is Mathura Railway Station, which is located about 13.2 km away.
- The closest airport to Govind Dev Temple is Indira Gandhi International Airport, which is located 164 kilometers away. Govind Dev Temple is located approximately 77.3 miles from Pandit Deen Dayal Upadhyay Airport in Agra.
श्री गोविंद देव जी मंदिर का पूरा निर्माण का खर्च राजा श्री मान सिंह के पुत्र राजा श्री भगवान दास, आमेर (जयपुर, राजस्थान) ने किया था। जब मुगल सम्राट औरंगजेब ने इसे नष्ट करने की कोशिश की थी तब गोविंद देव जी को वृंदावन से ले जाकर जयपुर प्रतिष्ठित किया गया था। अब मूल देवता जयपुर में है।
Govind Devji Temple Vrindavan-का इतिहास :
गोविन्द देव जी मंदिर वृंदावन का निर्माण ई. 1590 (सं.1647) में हुआ। यह मदिर श्री रूप गोस्वामी और सनातन गुरु, श्री कल्यानदास जी के देख रेख में हुआ। इसका निर्माण लगभग 500 साल पहले लाल बलुआ पत्थर से किया गया था।इस मंदिर के शिलालेख से यह जानकारी पूरी तरह सुनिश्चित हो जाती है कि इस भव्य देवालय को आमेर के राजा भगवान दास के पुत्र राजा मान सिंह ने बनवाया था। रूप गोस्वामी एवं सनातन गोस्वामी नामक दो वैष्णव गुरुओं की देखरेख में मंदिर के निर्माण होने का उल्लेख भी मिलता है।
प्रसिद्ध इतिहासकार जेम्स फग्र्यूसन ने लिखा है कि यह मंदिर भारत के मंदिरों में बड़ा शानदार है। मंदिर की भव्यता का अनुमान इस उद्धरण से लगाया जा सकता है कि औरंगजेब ने शाम को टहलते हुए दक्षिण पूर्व में दूर से दिखने वाली रोशनी के बारे में जब पूछा तो पता चला कि यह चमक वृंदावन के वैभवशाली मंदिरों की है।औरंगजेब मंदिर की चमक से परेशान था। समाधान के लिए उसने तुरंत कार्रवाई के रूप में सेना भेजी। मंदिर जितना तोड़ा जा सकता था उतना तोड़ा गया और शेष पर मस्जिद की दीवार, गुम्बद आदि बनवा दिए। कहते हैं कि औरंगजेब ने यहां नमाज में हिस्सा लिया।
Govind Devji Temple Vrindavan- निर्माण का खर्च एवं शैली
मंदिर को बनने में उस समय 5 से 10 वर्ष लगे और करीब एक करोड़ रुपया खर्चा बताया गया। सम्राट अकबर ने मंदिर निर्माण के लिए लाल पत्थर दिए। श्री ग्राउस के विचार से अकबरी दरबार के इसाई पादरियों ने जो यूरोप के देशों से आए थे इस निर्माण में स्पष्ट भूमिका निभाई। यह मिश्रित शिल्पकला का उत्तर भारत में अपनी किस्म का एक ही नमूना है। खजुराहो के मंदिर भी इसी शिल्प के हैं। हिन्दू (उत्तर-दक्षिण हिन्दुस्तान), जयपुरी, मुगल, यूनानी और गोथिक का मिश्रण है। इसका लागत मूल्य एक करोड़ रुपया (लगभग)। इसका माप 105और117 फुट (200और120 फुट बाहर से) व ऊंचाई 110 फुट (सात मंजिल थीं आज केवल चार ही मौजूद हैं)।
Govind Devji Temple Vrindavan -आरती समय :
मंगला आरती प्रातःकाल : 4 : 30 प्रातः से 5 : 45 प्रातः
धुप आरती प्रातःकाल : 8 : 15 संध्या से 9 : 30 संध्या
श्रृंगार आरती प्रातःकाल : 10 : 15 प्रातः से 11 : 00 प्रातः
राज भोग आरती प्रातःकाल : 11 : 45 दोपहर से 12 : 15 दोपहर
ग्वाल आरती प्रातःकाल : 5 : 30 संध्या से 6 : 00 संध्या
संध्याकाल : 6 : 30 संध्या से 7 : 45 संध्या
श्यान आरती रात्रि : 8 : 15 रात्रि से 9 : 15 रात्रि