Pagal Baba Mandir
वृन्दावन के सबसे खूबसूरत मंदि
रों में से एक है Pagal Baba Mandir। मथुरा वृन्दावन रोड पर स्थित, पागल बाबा मंदिर उन सभी लोगों को पवित्र और दिव्य अनुभूति प्रदान करता है जो इष्टदेव भगवान श्री कृष्ण जी से आशीर्वाद लेने के लिए यहां आते हैं। यह एक ऐंसा मंदिर है, जहां आप कुछ समय के लिए खुद को भौतिक दुनिया से अलग कर सकते हैं और कान्हा जी की भक्ति और पूजा में खुद को लीन करके अपने मन को भय मुक्त और तसल्ली प्रदान कर सकते हैं। Pagal Baba Mandir 221 फीट ऊंचा सफेद संगमरमर के पत्थरों से बना हुआ है, जो वृन्दावन में एक आकर्षण का केंद्र बन चूका है। इस भव्य मंदिर को लीलाधाम मंदिर के नाम से भी जाना गया है। श्री राधा-कृष्ण जी की लीला स्थली वृंदावन में लीलाधाम मंदिर (पागल बाबा का मंदिर) की स्थापना 1969 में हुई थी। वर्तमान में मंदिर के मुख्य ट्रस्टी जिला न्यायाधीश और जिलाधिकारी हैं। सफेद पत्थरों से बने इस 9 मंजिल के मंदिर की सुंदरता अत्यधिक आकर्षित है। इस मंदिर की
चौड़ाई लगभग 150 फीट है।
Pagal Baba Mandir, वृन्दावन का इतिहास
इस मंदिर की उत्पत्ति के पीछे एक अत्यंत दिलचस्प कहानी है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक गरीब ब्राह्मण था जो श्री बांके बिहारी जी का सच्चा भक्त था और वह पूरी श्रद्धा और खुशी के साथ उनका नाम जपता था।
एक दिन उसे कुछ पैसों की जरूरत पड़ी। इसलिए, वह पैसे माँगने के लिए साहूकार के पास गया। और उसकी मांग के अनुसार साहूकार ने उसे आवश्यक धन दे दिया और उसे 12 किश्तों में लौटाने को कहा। ब्राह्मण निर्धारित शर्तों के लिए सहमत हो गया और घर वापस चला गया। इसके बाद वह हर महीने व्रयाज के साथ उसे पैसे लौटाने लगा।
सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन तभी उसे साहूकार से नोटिस मिला कि जिसमे लिखा था की उसने अभी तक कर्ज नहीं चुकाया है और अब उसे ब्याज सहित सारी रकम लौटा देनी चाहिए। नोटिस पढ़ने के बाद, वह साहूकार के पास गया और उसने चीजों को सुलझाने का प्रयास किया। लेकिन साहूकार कुछ भी सुनने को तैयार नहीं था और मामला अदालत तक पहुंच गया।
सुनवाई के दौरान ब्राह्मण ने जज को सारी बात ब
ताई और कहा कि एक किस्त को छोड़कर उसने साहूकार का सारा पैसा व्याज सहित चुका दिया है। अदालत के न्यायाधीश ने ब्राह्मण से पूछा, “क्या कोई गवाह है जो उसके विरुद्ध खड़ा हो और यह साबित कर सके कि वह जो कह रहा है वह सच है?” उन्होंने कुछ देर सोचा और अंत में उत्तर दिया, “हां, जज साहब एक व्यक्ति है जो मेरी ओर से गवाही देगा. जज ने ब्राह्मण से पूछा, और वह कोन हैं? – ब्राह्मण उत्तर दिया ”वह श्री बांके बिहारी जी हैं।”
यह सुनकर अदालत ,में बैठे सभी लोग हैरान रह गए, लेकिन जज ने ब्राह्मण की खातिर उनका पता पूछा और श्री बांके बिहारी जी मंदिर को नोटिस भेज दिया। कानूनी कार्यवाही के अनुसार, सभी लोग अदालत की अगली तारीख पर गवाह के आने का इंतजार कर रहे थे। और सभी को आश्चर्य हुआ, एक बूढ़े आदमी ने आकर जज को बताया कि जब वह साहूकार को हर महीने की किस्त दे रहा था तो मैं उसके साथ होता था। .
बूढ़े व्यक्ति ने एक दम सही तारीखें बताईं
जिस दिन ब्राह्मण ने पैसे लोटाये थे और न्यायाधीश से साहूकार के बहीखाते की जांच करने के लिए कहा। जज ने वैसा ही किया और उसकी सारी बातें सच निकलीं। इतना सब होने के बाद ब्राह्मण को निर्दोष घोषित कर पूरे निष्ठा और सम्मान के साथ अदालत से बाइज्जत बरी कर दिया।
अदालत में जो कुछ हुआ उसके बाद न्यायाधीश वास्तव में हैरान रह गया और अपनी परेशानी दूर करने के लिए उसने ब्राह्मण से उस बूढ़े व्यक्ति के बारे में पूछा। तब ब्राह्मण ने कहा, “वह मेरे बांके बिहारी जी थे। वह मुझे और उस पर मेरे अंध विश्वास को बचाने आये थे।” जज ने आगे पूछा, “वह कहां रहते हैं?” इस पर ब्राह्मण ने कहा कि वह हर जगह है, तुममें, मुझमें, सबमें।
यह सुनकर जल्द ही, न्यायाधीश ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और यहां तक कि वह अपने परिवार को भी बांके बिहारी जी से मिलने के लिए छोड़ कर चल दिए। कई वर्षों की भागदौड़ के बाद, वह अंत में एकमात्र ठाकुर जी की तलाश में वृन्दावन पहुँचे। वह बांके बिहारी जी का पता जानने के लिए लगातार इधर-उधर घुमने लगे थे और जिसकी बजह से कुछ ही समय में लोग उन्हें “पागल बाबा” कहने लगे।
भक्तों की सहायता से उन्होंने बांके बिहारी जी का मंदिर बनवाया और वह मंदिर वृन्दावन में Pagal Baba Mandir के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
क्या है Pagal Baba Mandir की टाइमिंग?
गर्मी | |||
सुबह | समय | शाम | समय |
दर्शन | 5:00 am to 11:30 am | दर्शन | 3:00 pm to 9:00 pm |
सर्दी | |||
सुबह | समय | शाम | समय |
दर्शन | 6:00 am to 12:00 pm | दर्शन | 3:30 pm to 8:30 pm |